तेरे ख़त
श्री राजेंद्र नाथ रहबर का व्यक्तित्व और कृतित्व
Wednesday, June 9, 2010
उसूल
फ़र्क है तुझ में, मुझ में बस इतना,
तू ने अपने उसूल की ख़ातिर,
सैंकड़ों दोस्त कर दिए क़ुर्बां,
और मैं! एक दोस्त की ख़ातिर,
सौ उसूलों को तोड़ देता हूं।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment