दिल ने जिसे चाहा हो क्या उस से गिला रखना
उस के लिये होंटों पर हर वक्त़ दुआ रखना
उस के लिये होंटों पर हर वक्त़ दुआ रखना
जब क़िस्मतें बटती थीं ऐसा भी न था मुश्किल
उस वक्त़ सनम तुझ को क़िस्मत में लिखा रखना
उस वक्त़ सनम तुझ को क़िस्मत में लिखा रखना
जब हम ने अज़ल ही से तय एक डगर कर ली
फिर रास न आयेगा राहों को जुदा रखना
फिर रास न आयेगा राहों को जुदा रखना
वो नींद के आलम से बेदार न हो जायें
हौले से क़दम अपना ऐ बादे-सबा रखना
हौले से क़दम अपना ऐ बादे-सबा रखना
आयेगा कोई भंवरा रस चूसने फूलों का
तुम फूल तबस्सुम के होंटों पे खिला रखना
तुम फूल तबस्सुम के होंटों पे खिला रखना
आयेंगे वो ऐ 'रहबर` सो जायेगी जब दुनिया
पत्तों की भी आहट पर तुम कान लगा रखना
श्री राजेंद्र नाथ रहबर
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